Ambubachi mela 2024 अम्बुबाची मेला 2024: तारीख और समय
अम्बुबाची मेला Ambubachi mela 2024 , जिसे अंबुबाशी मेला भी कहा जाता है, असम के गुवाहाटी में कामाख्या मंदिर में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्यौहार है। यह मेला हर साल जून महीने में आयोजित होता है और यह मां कामाख्या देवी के वार्षिक मासिक धर्म चक्र के दौरान मनाया जाता है। इस पर्व को असम का सबसे बड़ा धार्मिक मेला माना जाता है और इसे बड़ी धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।
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ToggleAmbubachi mela अम्बुबाची मेला की ऐतिहासिक और पौराणिक पृष्ठभूमि
कामाख्या मंदिर का इतिहास और पौराणिक कथाएं इस मेले की महत्ता को और भी बढ़ाती हैं। इस मंदिर का संबंध शक्ति उपासना से है और इसे 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। मान्यता है कि यह वही स्थान है जहां सती का योनिमंडल गिरा था जब भगवान शिव उनकी मृत देह को लेकर तांडव कर रहे थे।
अम्बुबाची मेला का सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव
अम्बुबाची मेला का सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव असम की संस्कृति में गहरा है। यह मेला न केवल धार्मिक अनुष्ठानों के लिए बल्कि असम की लोक संस्कृति, नृत्य, संगीत और पारंपरिक खानपान को भी प्रकट करता है। इस मेले के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जो स्थानीय कला और परंपराओं को जीवित रखने में मदद करते हैं।
अम्बुबाची मेला का महत्व
अम्बुबाची मेला का महत्व असम की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर में अद्वितीय है। इस मेले को ‘महा तीर्थ’ के रूप में मान्यता प्राप्त है और इसे लेकर कई धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। इस समय के दौरान, यह माना जाता है कि देवी कामाख्या का मासिक धर्म होता है और इसलिए मंदिर के गर्भगृह को बंद कर दिया जाता है।
अम्बुबाची मेला के अनुष्ठान और परंपराएं
अम्बुबाची मेला के दौरान विभिन्न प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान और परंपराएं निभाई जाती हैं। इनमें से कुछ प्रमुख अनुष्ठान और परंपराएं निम्नलिखित हैं:
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मंदिर का बंद होना: मेला के प्रथम तीन दिनों तक कामाख्या मंदिर का गर्भगृह बंद रहता है और किसी भी प्रकार की पूजा-अर्चना नहीं की जाती।
- मंदिर की सफाई: चौथे दिन मंदिर को खोलने से पहले इसकी सफाई की जाती है और विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
- भोग वितरण: मेला के दौरान विशेष प्रकार के प्रसाद का वितरण किया जाता है जो भक्तों में बांटा जाता है।
- साधुओं का जमावड़ा: अम्बुबाची मेला के दौरान विभिन्न प्रकार के साधु-संत और तांत्रिक भी मंदिर में आते हैं और अपने-अपने तरीके से पूजा-अर्चना करते हैं।
पर्यटकों के लिए उपयोगी सुझाव
अम्बुबाची मेला के दौरान यहां आने वाले पर्यटकों के लिए कुछ उपयोगी सुझाव निम्नलिखित हैं: अम्बुबाची मेला के दौरान गुवाहाटी में भारी भीड़ होती है और इस समय के दौरान यहां की यात्रा करना एक अद्वितीय अनुभव होता है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को कुछ महत्वपूर्ण बातें ध्यान में रखनी चाहिए:
- पूर्व योजना: इस समय गुवाहाटी में भारी भीड़ होती है, इसलिए अपनी यात्रा की योजना पहले से ही बना लें।
- आवास: मेले के दौरान गुवाहाटी में कई होटल, धर्मशाला और गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं, लेकिन इन्हें पहले से बुक करना उचित रहेगा, क्योंकि इस समय यहां भारी भीड़ होती है।
- यातायात: मेले के दौरान यातायात व्यवस्था प्रभावित हो सकती है, इसलिए यात्रा की योजना पहले से ही बना लेनी चाहिए।
- स्थानीय संस्कृति का सम्मान: असम की लोक संस्कृति और परंपराओं का सम्मान करें और स्थानीय नियमों का पालन करें।
- स्वास्थ्य और स्वच्छता: मेले के दौरान भारी भीड़ होती है, इसलिए स्वास्थ्य और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।
कामाख्या मंदिर की अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां
- मंदिर की वास्तुकला: कामाख्या मंदिर की वास्तुकला अद्वितीय है और इसमें असम की पारंपरिक शैली की झलक मिलती है। मंदिर का गर्भगृह और मुख्य संरचना विशेष आकर्षण के केंद्र हैं।
- पूजा-अर्चना का समय: कामाख्या मंदिर में नियमित पूजा-अर्चना का समय सुबह 5:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक और शाम 4:30 बजे से रात 9:30 बजे तक होता है। हालांकि, अम्बुबाची मेला के दौरान पूजा-अर्चना का समय भिन्न हो सकता है।
- मंदिर के अन्य आकर्षण: कामाख्या मंदिर परिसर में अन्य कई छोटे-छोटे मंदिर भी हैं जो विभिन्न देवताओं और देवी-देवियों को समर्पित हैं। यहां आने वाले भक्त इन मंदिरों में भी दर्शन कर सकते हैं।
Ambubachi mela 2024 अम्बुबाची मेला के दौरान प्रमुख आकर्षण
अम्बुबाची मेला के दौरान कई प्रमुख आकर्षण होते हैं जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होते हैं:
- अष्टमी का पवित्र स्नान: अम्बुबाची मेला के दौरान अष्टमी के दिन पवित्र स्नान का विशेष महत्व है। इस दिन श्रद्धालु ब्रह्मपुत्र नदी में स्नान करते हैं और पवित्र जल से पूजा-अर्चना करते हैं।
- भव्य जुलूस: मेला के दौरान विभिन्न भव्य जुलूस निकाले जाते हैं जिनमें स्थानीय लोग और श्रद्धालु भाग लेते हैं। ये जुलूस धार्मिक और सांस्कृतिक उत्साह का प्रतीक होते हैं।
- स्थानीय हस्तशिल्प और बाजार: अम्बुबाची मेला के दौरान स्थानीय हस्तशिल्प और बाजार का भी आयोजन किया जाता है जहां पर्यटक असम की पारंपरिक वस्त्र, हस्तशिल्प और अन्य सामान खरीद सकते हैं।
Ambubachi mela 2024 अम्बुबाची मेला 2024 अम्बुबाची मेला की तैयारी
अम्बुबाची मेला की तैयारी कई महीने पहले से ही शुरू हो जाती है। स्थानीय प्रशासन, मंदिर प्रबंधन और अन्य संगठनों के द्वारा विशेष व्यवस्थाएं की जाती हैं ताकि श्रद्धालुओं और पर्यटकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। मंदिर परिसर की सफाई, सुरक्षा व्यवस्था, चिकित्सा सुविधाएं और यातायात प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
Ambubachi mela 2024 अम्बुबाची मेला 2024 अम्बुबाची मेला में शामिल होने का महत्व
अम्बुबाची मेला में शामिल होने का महत्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से है, बल्कि यह असम की सांस्कृतिक और सामाजिक विविधता को भी प्रकट करता है। इस मेले में भाग लेने से न केवल भक्तों को आध्यात्मिक अनुभव मिलता है, बल्कि वे असम की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से भी रूबरू होते हैं।
Ambubachi mela 2024 अम्बुबाची मेला 2024 अम्बुबाची मेला 2024 की तारीख और समय
Ambubachi mela 2024 अम्बुबाची मेला 22 जून से 25 जून तक आयोजित किया जाएगा। यह चार दिवसीय मेला अत्यधिक श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है जो इस शुभ अवसर पर देवी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आते हैं।
Ambubachi mela 2024 अम्बुबाची मेला 2024 का समय सूचि:
प्रथम दिन (22 जून 2024):
इस दिन को ‘अम्बुबाची निवृत्ति’ कहा जाता है। इस दिन मंदिर के गर्भगृह के दरवाजे बंद हो जाते हैं और पूजा-अर्चना बंद हो जाती है।
दूसरा दिन (23 जून 2024):
इस दिन को ‘मलिनी पर्व’ कहा जाता है। इस दिन भी गर्भगृह के दरवाजे बंद रहते हैं और कोई पूजा-अर्चना नहीं होती।
तीसरा दिन (24 जून 2024):
इस दिन को ‘उदित पर्व’ कहा जाता है। इस दिन मंदिर का गर्भगृह खोला जाता है और विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
चौथा दिन (25 जून 2024):
इस दिन को ‘अम्बुबाची पर्व’ कहा जाता है। इस दिन विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं और भक्त देवी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
Ambubachi mela 2024 मे अक्सर पूछे जाने वाले कुछ प्रश्न (FAQ)
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अम्बुबाची मेला क्या है?
उत्तर:- अम्बुबाची मेला असम के गुवाहाटी में कामाख्या मंदिर में मनाया जाने वाला एक प्रमुख धार्मिक त्यौहार है जो मां कामाख्या के वार्षिक मासिक धर्म चक्र के दौरान आयोजित होता है।
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Ambubachi mela 2024 अम्बुबाची मेला 2024 कब मनाया जाएगा?
उत्तर:- अम्बुबाची मेला 2024 में 22 जून से 25 जून तक मनाया जाएगा।
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अम्बुबाची मेला का धार्मिक महत्व क्या है?
उत्तर:- अम्बुबाची मेला का धार्मिक महत्व असम की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर में अद्वितीय है। इस समय के दौरान देवी कामाख्या का मासिक धर्म माना जाता है और मंदिर के गर्भगृह को बंद कर दिया जाता है।
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अम्बुबाची मेला के दौरान कौन-कौन से अनुष्ठान किए जाते हैं?
उत्तर:- अम्बुबाची मेला के दौरान विभिन्न प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं, जिनमें मंदिर का बंद होना, मंदिर की सफाई, भोग वितरण और साधुओं का जमावड़ा शामिल हैं।
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अम्बुबाची मेला के दौरान यात्रा के लिए क्या तैयारी करनी चाहिए?
उत्तर:- अम्बुबाची मेला के दौरान यात्रा के लिए पहले से आवास की व्यवस्था कर लेनी चाहिए, यातायात की योजना बना लेनी चाहिए और स्वास्थ्य और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
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अम्बुबाची मेला के दौरान कहां ठहर सकते हैं?
उत्तर:- अम्बुबाची मेला के दौरान गुवाहाटी में कई होटल, धर्मशाला और अन्य आवासीय व्यवस्थाएं उपलब्ध होती हैं, लेकिन पहले से बुकिंग करना उचित होता है।
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क्या अम्बुबाची मेला के दौरान कामाख्या मंदिर में प्रवेश संभव है?
उत्तर:- अम्बुबाची मेला के दौरान प्रथम तीन दिनों तक मंदिर के गर्भगृह का प्रवेश बंद रहता है, लेकिन चौथे दिन विशेष पूजा-अर्चना के बाद प्रवेश संभव होता है।
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अम्बुबाची मेला के दौरान कौन-कौन से धार्मिक अनुष्ठान प्रमुख होते हैं?
उत्तर:- अम्बुबाची मेला के दौरान प्रमुख धार्मिक अनुष्ठानों में देवी की विशेष पूजा, भोग वितरण, साधुओं का जमावड़ा और मंदिर की सफाई शामिल हैं।
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क्या अम्बुबाची मेला के दौरान बच्चों और बुजुर्गों के लिए विशेष व्यवस्थाएं होती हैं?
उत्तर:- जी हां, अम्बुबाची मेला के दौरान बच्चों और बुजुर्गों के लिए विशेष चिकित्सा और सुरक्षा व्यवस्थाएं की जाती हैं। मंदिर प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन द्वारा चिकित्सा शिविर और सुरक्षा दल तैनात किए जाते हैं।
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क्या अम्बुबाची मेला के दौरान किसी प्रकार का प्रवेश शुल्क लगता है?
उत्तर:- नहीं, अम्बुबाची मेला के दौरान कामाख्या मंदिर में प्रवेश निशुल्क होता है। हालांकि, विशेष पूजा-अर्चना और अनुष्ठानों के लिए कुछ शुल्क हो सकता है।
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अम्बुबाची मेला के दौरान क्या खाने-पीने की व्यवस्था होती है?
उत्तर:- अम्बुबाची मेला के दौरान खाने-पीने की विशेष व्यवस्थाएं की जाती हैं। मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के भोजन स्टॉल और प्रसाद वितरण केंद्र होते हैं जहां श्रद्धालु भोजन कर सकते हैं।
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अम्बुबाची मेला के दौरान किस प्रकार की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है?
उत्तर:- अम्बुबाची मेला के दौरान विशेष पूजा-अर्चना की जाती है जिसमें देवी कामाख्या की विशेष पूजा, हवन, मंत्रोच्चारण और भोग वितरण शामिल हैं। इस समय मंदिर में विशेष अनुष्ठान और तांत्रिक क्रियाएं भी की जाती हैं।
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क्या अम्बुबाची मेला के दौरान स्थानीय संस्कृति और परंपराओं का प्रदर्शन होता है?
उत्तर:- जी हां, अम्बुबाची मेला के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसमें स्थानीय नृत्य, संगीत, नाटक और लोक कलाओं का प्रदर्शन होता है। यह मेले का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है जो असम की सांस्कृतिक धरोहर को प्रकट करता है।
अम्बुबाची मेला असम की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह मेला न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि असम की सांस्कृतिक विविधता और समृद्धि को भी प्रदर्शित करता है। इस मेले में भाग लेकर श्रद्धालु एक अद्वितीय धार्मिक अनुभव प्राप्त करते हैं और मां कामाख्या का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
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